कोटद्वार । नगर निगम विकास संघर्ष समिति ने सोमवार को तहसील में पहुंचकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा । ज्ञापन के माध्यम से कहा कि समिति ने वर्ष 2018 में कोटद्वार नगर निगम थोपे जाने एवं नगरनिगम बनने से ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो जाने, उनके अधिकार व सुविधाओं के समाप्त हो जाने, आम जनता पर बेहिसाब टेक्स बढ़ने और अन्य असुविधाओं के विरोध में धरना-प्रदर्शन व भूख हड़ताल करने के साथ-साथ उच्च न्यायालय में लडाई लड़ी और सिंगल बैंच में जीत भी हासिल की, परन्तु सरकार डबल बैंच में चली गई और समिति धन के अभाव व समुचित पैरवी न होने के कारण हार गई। तब से लेकर अब तक यह समिति नगरनिगम की कमियों को उजागर करती रही है और समाधान के लिए निरन्तर संघर्ष करती रही है। अब वर्तमान में जब नगरनिगम का कार्यकाल समाप्त हो गया है और सरकार की ओर से प्रशासक नियुक्त किये जा चुके है तब हमारे संघर्ष के अधिकांश बिन्दुओं का समाधान आपके स्तर पर ही होना सम्भव है।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि जब भी आप कोटद्वार आए तो एक बार समिति को मिलने का समय अवश्य दें । इस मौके पर डॉ शक्तिशैल कपरवाण, प्रवेंद्र सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह नेगी, गोविन्द डंडरियाल, चन्द्र प्रकाश नैथानी, अनुसूया प्रसाद सेमवाल, राजेन्द्र प्रसाद पंत, महेन्द्र पाल सिंह रावत, प्रदीप कुमार बलूनी, सत्य प्रकाश भारद्वाज, जगदीपक सिंह रावत, विकास कुमार आर्य, राजेन्द्र डिमरी, प्रेम सिंह रावत, हुकुम सिंह, जगदीश सिंह, कमलेश्वरी आदि मौजूद रहे।
More Stories
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था 05 साल में दुगुने करने का प्रयास, विभागों की योजनाओं को लागू करने को करें काम: मुख्यमंत्री धामी
उत्तराखंड में बाहरी भू—माफिया नहीं होगा बर्दास्त: मुख्यमंत्री, कपकोट में किया 100 करोड़ की 37 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास, श्रमिकों के साथ किया काम
देहरादून की सात विधानसभाओं में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 58 डोर-टू-डोर वाहन उतारे, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झंडी दिखाकर किए रवाना