देहरादून
आईएमए ने डॉ. मेजर नंदकिशोर को लाइफ अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा है। मुख्य सचिव आनंदवर्धन और डीजी हेल्थ डा. सुनीता आर्य ने उन्हें सम्मानित किया।
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. नंदकिशोर पिछले 36-37 वर्षों से निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। इसके अलावा वह पांच वर्षों तक सेना में भी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। पिछले 42 वर्षों से वह लोगों को चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें देश विदेश से बड़े बड़े ऑफर आए लेकिन उन्होंने देहरादून और उत्तराखंड को ही प्राथमिकता दी। उस समय मानसिक रोग को कलंक के तौर पर देखा जाता था।
डा. नंदकिशोर ने जहां निजी स्तर पर मानसिक रोगियों को उपचार दिया। वहीं उन्होंने मानसिक रोगों से संबंधित तमाम गलत धारणाओं को तोड़ने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने चार दशकों से अवेयरनेस मूवमेंट चला रखा है। मीडिया समेत विभिन्न फोरम के माध्यम से वह लोगों को मानसिक रोगों से संबंधित तमाम अंधविश्वासों, मिथकों, गलत धारणाओं को समाप्त करने की कोशिश करते रहते हैं। इसके लिए वह लेख लिखते रहे हैं।
प्रदेश में मानसिक रोगियों को राहत व पूर्ण समाधान देना उनका मिशन रहा है। आज के जटिल दौर में मानसिक रोग भी गंभीर और बेहद अजीबो गरीब हो गए हैं। इनको समझना और फिर रोगियों का इलाज करना आसान काम नहीं है। पहाड़ी व
यौन रोगों से संबंधित मिथकों को तोड़ने के लिए 4 दशक से कर रहे हैं काम
मनोरोगों के छिपे राज खोलने पर और मनोचिकित्सा के हैं नवोन्मेषक
ग्रामीण पृष्ठभूमि के रोगियों को निजी स्तर पर उपचार देने के लिए उन्होंने तमाम नवोन्मेष भी किए। यौन रोगों के बारे में बहुत अधिक संकोच वाली मानसिकता थी। लेकिन उन्होंने इसको शिद्दत के साथ छुआ और हजारों लोगों के विवाह टूटने से बचाए। यौन रोगों को महीनी व मौलिक रूप से समझना और उनका समाधान बहुत बड़ी चुनौती है। इस क्षेत्र में डा. नंदकिशोर ने अभूतपूर्व ढंग से काम किया।
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