देहरादून
नगर निगम ने दून शहर में स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव के लिए अनुबंधित कंपनी ईईएसएल से मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी वापस ले ली है। निवर्तमान पार्षदों, जनप्रतिनिधियों, जनता की शिकायतें समय पर हल नहीं कर पाने, नगर निगम की छवि खराब होने के चलते यह कार्रवाई की गई है। निगम की ओर से कंपनी को जारी पत्र के मुताबिक नगर निगम ने ईईएसएल कंपनी के साथ 27 जुलाई 2017 और पांच सितंबर 2020 को दूसरा अनुबंध किया। कंपनी ने वार्डों में एक लाख के आसपास एलईडी लाइटें लगाई। इस काम के बदले निगम को हर माह औसतन एक करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन ईईएसएल ने अनुबंध में प्रावधान नहीं होने के बावजूद आगे किसी और वेंडर को काम सौंपा। खराब लाइटों की शिकायत पर मरम्मत 48 घंटे के भीतर करने का नियम था, लेकिन सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों तक का निस्तारण करने में 15 दिन तक का समय लग रहा था। बीते साल की तरह इस साल भी कंपनी के स्तर से मरम्मत कार्य ठप होने के चलते निगम को अपने स्तर से व्यवस्था बनानी पड़ी। वहीं, पर्याप्त लाइटें उपलब्ध नहीं होने के कारण कर्मचारी कार्ययोजना के मुताबिक काम नहीं कर पाए, इससे जनता को परेशानी हुई। खराब लाइटों का बैकलॉग चार हजार से भी ज्यादा पहुंच गया। ईईएसएल कंपनी को वाडों में 50 टीमें मरम्मत कार्य में लगानी थी, लेकिन 15 से 18 टीमें ही लगाई गयी।
अव्यवस्था को लेकर विधायकों, पूर्व व निवर्तमान पार्षदों, जनप्रतिनिधियों, जनता में कंपनी के प्रति आक्रोश बढ़ने के बाद मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा इसके बाद अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी व प्रशासक नगर निगम खिला सविन बंसल के निर्देश पर नगर आयुक्त गौरव कुमार ने शनिवार देर शाम कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र जारी कर दिया। निवर्तमान पार्षदों ने मांग की है कि लाइटों की सप्लाई का काम भी निगम अपने हाथ में ले। वेंडरों के भुगतान में की गई कटौती की धनराशि की रिकवरी की जाए।
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